इमामत

मोह़ब्बते अ़ली अ़लैहिस्सलाम – जुम्ला एअ़्‌तेक़ादात

अगर तमाम बनी आदम चाहें कि सिवाए अम्बियाए ए़ज़ाम अ़लैहिमुस्सलाम किसी और शख़्स को जामेअ़्‌ जुम्ला फ़ज़ाएल का ह़ामिल साबित करें तो हरगिज़ किसी फ़र्दे बशर को न पाएंगे…….. ……..बल्कि अगर येह कहा जाए कि हर नबी अ़लैहिस्सलाम में भी तमाम सिफ़ाते कमाल का साबित होना मुश्किल है, तो ह़क़ है। लेकिन अ़ली अ़लैहिस्सलाम की […]

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ख़ेलाफ़त-जानशीनी दर सेफ़ात-ओ-कमालात

दीने मुक़द्दसे इस्लाम में इमामत और ख़ेलाफ़ते ख़ुदा और रसूल सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम का अ़क़ीदा एक नेहायत बुनियादी मसअला है। इसकी अहम्मीयत का अन्दाज़ा इस बात से बख़ूबी लगाया जा सकता है लोगों ने ह़ज़रत रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम की वफ़ात के बअ़्‌द ख़लीफ़ा के इन्तेख़ाब को आँह़ज़रत […]

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वेलायत-ओ-बराअत

येह एक दिलचस्प ह़क़ीक़त है कि किसी भी मौज़ूअ़्‌ में अज़्दाद–ओ–तनाक़ुज़ात को बाहम यक्साँ मक़ाम देकर मुस्बत पह्लू से लेबासे ह़क़ीक़त नहीं पहनाया जा सकता ख़ाह वोह किसी शक्ल में हो जैसे अ़द्‌ल–ओ–ज़ुल्म, ख़ैर–ओ–शर…. इस्लाम ने एक ही को ह़क़ीक़त का उ़न्वान देकर अहम्मीयत दी है अ़द्‌ल पसन्दीदा है, ज़ुल्म नापसन्दीदा, ख़ैर मम्दूह़ है शर […]

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मोह़ब्बते अ़ली अ़लैहिस्सलाम – जुम्ला एअ़्‌तेक़ादात

अगर तमाम बनी आदम चाहें कि सिवाए अम्बियाए ए़ज़ाम अ़लैहिमुस्सलाम किसी और शख़्स को जामेअ़्‌ जुम्ला फ़ज़ाएल का ह़ामिल साबित करें तो हरगिज़ किसी फ़र्दे बशर को न पाएंगे…….. ……..बल्कि अगर येह कहा जाए कि हर नबी अ़लैहिस्सलाम में भी तमाम सिफ़ाते कमाल का साबित होना मुश्किल है, तो ह़क़ है। लेकिन अ़ली अ़लैहिस्सलाम की […]

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अह्लेबैत अ़लैहिमुस्सलाम के वसीले से अल्लाह से मदद मांगना

कुछ मुख़ालेफ़ीन शीओ़ं पर एअ़्‌तेराज़ करते हैं कि अह्ले तशय्योअ़्‌ ह़ज़रात रिज़्क़-ओ-फ़ज़्ल, कामयाबी-ओ-सेहत और दौलत जैसी नेअ़्‌मतों की बाज़याबी के लिए अह्लेबैत अ़लैहिमुस्सलाम के वसीले के क़ाएल हैं यहां तक कि बारिश, अच्छी फ़स्ल वग़ैरह जैसे क़ुदरती मज़ाहिर के लिए भी वोह अह्लेबैत अ़लैहिमुस्सलाम को वसीला बनाते हैं। वोह लोग येह दलील देते हैं कि […]

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इमामत, फ़ितरत और अख़्लाक़ी क़दरें इन्नद्दी-न इ़न्दल्लाहिल इस्लाम

ख़ुदावंद आ़लम के नज़्दीक़ दीने इस्लाम ही एक तन्हा दीन है जिस के अ़लावा कोई और दीन क़ाबिले क़बूल नहीं होगा। इस एक क़बूल शुदा दीन के बारे में रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम का इर्शाद है कि दीने इस्लाम दीने फ़ितरत है। हर इंसान फ़ितरते इस्लाम पर पैदा होता है लेकिन […]

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अह्लेबैत अ़लैहिमुस्सलाम के वसीले से अल्लाह से मदद मांगना – दूसरा हिस्सा

तवस्सुल का अन्दाज़ शीआ़ अपनी ह़ाजात की बरआवरी के लिए अह्लेबैत अलैहिमुस्सलाम का वसीला इख़्तेयार करने के लिए मुख़्तलिफ़ दुआ़ओं, ज़ियारतों, मुनाजात और सलवात वग़ैरा का सहारा लेते हैं। उनमें से किसी भी ज़िक्र ख़ुदा को जो मोअ़्‌तबर ज़राए़ से वारिद हुए हैं पढ़ते वक़्त क्या शीआ़ ह़ज़रात अह्लेबैत अ़लैहिमुस्सलाम को अल्लाह रब्बुल इ़ज़्ज़त से […]

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अह्लेबैत अ़लैहिमुस्सलाम के वसीले से अल्लाह से मदद मांगना – पहला हिस्सा

कुछ मुख़ालेफ़ीन शीओ़ं पर एअ़्‌तेराज़ करते हैं कि अह्ले तशय्योअ़्‌ ह़ज़रात रिज़्क़-ओ-फ़ज़्ल, कामयाबी-ओ-सेहत और दौलत जैसी नेअ़्‌मतों की बाज़याबी के लिए अह्लेबैत अ़लैहिमुस्सलाम के वसीले के क़ाएल हैं यहां तक कि बारिश, अच्छी फ़स्ल वग़ैरह जैसे क़ुदरती मज़ाहिर के लिए भी वोह अह्लेबैत अ़लैहिमुस्सलाम को वसीला बनाते हैं। वोह लोग येह दलील देते हैं कि […]

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आयए तत्‌हीर और उ़लमाए अह़्ले सुन्नत के एख़्तेलाफ़ी नज़रियात – तीसरा हिस्सा

ज़ह़्ह़ाक ने दूसरे नज़रियात के मुक़ाबिले में नज़रिया पेश किया कि आयए तत्‌हीर में “अह्लेबैत” से मुराद अह्ले पैग़म्बर और उनकी अज़्वाज भी हैं। इब्ने जूज़ी ने इस नज़रीये को नक़्ल किया और लिखा कि येह नज़रीया सिर्फ़ ज़ह़्ह़ाक बिन मज़ाह़िम का है। १- सीरे एअ़्‌लामुल बला ७/२०१, शुमारह ७९ ज़ह़्ह़ाक कौन था? इब्ने जौज़ी […]

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आयए तत्‌हीर और उ़लमाए अह़्ले सुन्नत के एख़्तेलाफ़ी नज़रियात – दूसरा हिस्सा

दूसरे गिरोह का एक नमूना जैसा कि हमने ऊपर बयान किया कि दूसरा गिरोह अह्ले सुन्नत का है जिसने अ़करमा और मक़ातिल के नज़रिए की ताईद की है, तो येह जानना ज़रूरी है कि अ़करमा और मक़ातिल का नज़रिया क्या है और येह कौन लोग हैं। इन दोनों का नज़रीया आयए तत्‌हीर के सिलसिले में […]

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गो टू ऊपर