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क़ुरआन में अहम्मीयते मन्सबे इमामत

यौ–म नद्‌ऊ़ कुल्ल ओनासिम बेइमामेहिम. “उस दिन (को याद कीजिए) जब हम तमाम इन्सानों को उनके इमाम के साथ बुलाएँगे।”             (सूरए असरा: आयत ७१) रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम ने दीने इस्लाम की तब्लीग़ बेहतरीन अन्दाज़ में फ़रमाई। आप सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम हमेशा अपनी उम्मत की हेदायत के लिए […]

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किताब “शवारेक़ुन्नुसूस फ़ी तक्ज़ीबे फ़ज़ाएल अल लुसूस” का तआ़रुफ़ – दूसरा हिस्सा

किताब की तसनीफ़ में मुसन्निफ़ की रविश: येह बात अपनी जगह तय है कि साह़ेबे किताब इ़ल्मे मुनाज़ेरा में जवाब नहीं रखते थे और इसीलिए हमेशा इस ह़क़ीक़त पर निगाह रखते हुए बह़्स करते: १-         मुख़ालिफ़ की ए़बारतों को मिन-ओ-अ़न नक़्ल करके मैदाने बह़्स-ओ-गुफ़्तुगू में पेश करते, फिर फ़ौरन उसमें इश्काल की निशानदेही फ़रमाते ताकि […]

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किताब “शवारेक़ुन्नुसूस फ़ी तक्ज़ीबे फ़ज़ाएल अल लुसूस” का तआ़रुफ़ – पहला हिस्सा

इस्लामी तअ़्‌लीमात-ओ-एअ़्‌तेक़ादात में क़ुरआन करीम के बअ़्‌द जो ह़ैसियत अह़ादीसे मअ़्‌सूमीन अ़लैहिमुस्सलाम की है उससे कोई मुसलमान इन्कार नहीं कर सकता और चूँकि ह़दीस, मअ़्‌सूम के अ़मल, क़ौल और तक़रीर से, ए़बारत है, इसलिए इन्सान की इज्तेमाई़-ओ-इन्फ़ेरादी ज़िन्दगी में अह़ादीस का इन्तेहाई अहम किरदार होता है। इसीलिए दीनी एअ़्‌तेक़ादात और मआ़रिफ़े इस्लामी की तब्लीग़-ओ-नश्र में […]

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ख़ेलाफ़त-जानशीनी दर सेफ़ात-ओ-कमालात – दूसरा हिस्सा

ह़ज़रत रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम की एक और ज़िम्मेदारी लोगों के नफ़्स को पाक-ओ-पाकीज़ा करना था जैसा सूरए मुबारका जुमुआ़ में इरशादे ख़ुदा वन्दी है: “वयुज़क्कीहिम” जिसकी ज़िम्मेदारी लोगों के नफ़्स को पाक बनाना हो ख़ुद उसको पाकीज़गी की बलन्द तरीन मन्ज़िल पर फ़ाएज़ होना चाहिए। ख़ुदा ने अ़ज़मते रसूल सल्लल्लाहो […]

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ख़ेलाफ़त-जानशीनी दर सेफ़ात-ओ-कमालात – पहला हिस्सा

दीने मुक़द्दसे इस्लाम में इमामत और ख़ेलाफ़ते ख़ुदा और रसूल सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम का अ़क़ीदा एक नेहायत बुनियादी मसअला है। इसकी अहम्मीयत का अन्दाज़ा इस बात से बख़ूबी लगाया जा सकता है लोगों ने ह़ज़रत रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम की वफ़ात के बअ़्‌द ख़लीफ़ा के इन्तेख़ाब को आँह़ज़रत […]

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इमामत, फ़ितरत और अख़्लाक़ी क़दरें

ख़ुदावंद आ़लम के नज़्दीक़ दीने इस्लाम ही एक तन्हा दीन है जिस के अ़लावा कोई और दीन क़ाबिले क़बूल नहीं होगा। इस एक क़बूल शुदा दीन के बारे में रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम का इर्शाद है कि दीने इस्लाम दीने फ़ितरत है। हर इंसान फ़ितरते इस्लाम पर पैदा होता है लेकिन […]

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मोह़ब्बते अ़ली अ़लैहिस्सलाम – जुम्ला एअ़्तेक़ादात

अगर तमाम बनी आदम चाहें कि सिवाए अम्बियाए ए़ज़ाम अ़लैहिमुस्सलाम किसी और शख़्स को जामेअ़्‌ जुम्ला फ़ज़ाएल का ह़ामिल साबित करें तो हरगिज़ किसी फ़र्दे बशर को न पाएंगे…….. ……..बल्कि अगर येह कहा जाए कि हर नबी अ़लैहिस्सलाम में भी तमाम सिफ़ाते कमाल का साबित होना मुश्किल है, तो ह़क़ है। लेकिन अ़ली अ़लैहिस्सलाम की […]

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गो टू ऊपर