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ख़ैरुल बरीया – क़ुरआन और अह़ादीस की रोशनी में

सद्रे इस्लाम से लेकर अब तक क़ुरआन के इस नुक़्तए नज़र के बारे में मुख़्तलिफ़ नज़रियात और मुख़्तलिफ़ मआ़ना और मिस्दाक़ बताए जाते हैं और मुफ़स्सेरीन के दरमियान भी एख़्तेलाफ़े नज़र पाया जाता है लेकिन हमेशा से शीअ़याने अह्लेबैत अ़लैहिमुस्सलाम के पैरवकारों के लिए अह्लेबैत अ़लैहिमुस्सलाम और क़ुरआन हमेशा मश्अ़ले राह रहे हैं। इसलिए हम […]

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