क़ुरआन में अहम्मीयते मन्सबे इमामत
यौ–म नद्ऊ़ कुल्ल ओनासिम बेइमामेहिम. “उस दिन (को याद कीजिए) जब हम तमाम इन्सानों को उनके इमाम के साथ बुलाएँगे।” (सूरए असरा: आयत ७१) रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम ने दीने इस्लाम की तब्लीग़ बेहतरीन अन्दाज़ में फ़रमाई। आप सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम हमेशा अपनी उम्मत की हेदायत के लिए […]