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अमीरुल मोअ्‌मेनीन अ़लैहिस्सलाम ने अपने फ़र्ज़ंदों के नाम ख़ुलफ़ा के नाम पर क्यूं रखा?

कुछ लोग येह समझाने की कोशिशें करते हैं कि अमीरुल मोअ्‌मेनीन ह़ज़रत अ़ली इब्ने अबी तालिब अ़लैहेमस्सलाम सह़ाबा से राज़ी थे बिल्ख़ुसूस शेख़ैन से और उनकी ख़ेलाफ़त को बिला किसी झिझक के क़बूल किया और उन पर किसी क़िस्म का जब्र-ओ-दबाव नहीं था। दलील के तौर पर वोह बेजा जवाज़ पेश करते हैं। मसलन अ़ली […]

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उलिल अम्र – एक जाएज़ा

रेह़लते पैग़म्बर अकरम सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम के बअ़्‌द इस्लामी दुनिया में आँह़ज़रत सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम की ख़ेलाफ़त-ओ-इमामत की बह़्स दरमियान में आई – सद्रे इस्लाम से आज तक हमेशा ही येह मसअला मुसलमानों के दरमियान मूरिदे इख़्तेलाफ़ रहा है और इस सिलसिले में मुख़्तलिफ़ नज़रियात, मुख़्तलिफ़ लोगों के ज़रीए़ […]

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गो टू ऊपर