किताबें

हुज्जते मज़हब, मोअ़्‌जिज़ नुमा किताब “अ़बक़ातुल अनवार” का तआ़रुफ़

दीने इस्लाम और उसके मुख़्तलिफ़ मसाएल में जो मन्ज़ेलत-ओ-अहम्मीयत इमामत को ह़ासिल है वोह नेहायत दर्जा बलन्द और ग़ैर मअ़्‌मूली है। ह़ज़रत ख़ातेमुल अम्बिया सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम ने रेसालत के आग़ाज़े तब्लीग़ ही में वेलायत-ओ- जानशीनी के मसअले को पेश कर दिया था। और अइम्मए मअ़्‌सूमीन अ़लैहिमुस्सलाम इमामत के मक़ाम-ओ-मन्ज़ेलत को मुसलसल […]

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किताब “शवारेक़ुन्नुसूस फ़ी तक्ज़ीबे फ़ज़ाएल अल लुसूस” का तआ़रुफ़ – दूसरा हिस्सा

किताब की तसनीफ़ में मुसन्निफ़ की रविश: येह बात अपनी जगह तय है कि साह़ेबे किताब इ़ल्मे मुनाज़ेरा में जवाब नहीं रखते थे और इसीलिए हमेशा इस ह़क़ीक़त पर निगाह रखते हुए बह़्स करते: १-         मुख़ालिफ़ की ए़बारतों को मिन-ओ-अ़न नक़्ल करके मैदाने बह़्स-ओ-गुफ़्तुगू में पेश करते, फिर फ़ौरन उसमें इश्काल की निशानदेही फ़रमाते ताकि […]

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किताब “शवारेक़ुन्नुसूस फ़ी तक्ज़ीबे फ़ज़ाएल अल लुसूस” का तआ़रुफ़ – पहला हिस्सा

इस्लामी तअ़्‌लीमात-ओ-एअ़्‌तेक़ादात में क़ुरआन करीम के बअ़्‌द जो ह़ैसियत अह़ादीसे मअ़्‌सूमीन अ़लैहिमुस्सलाम की है उससे कोई मुसलमान इन्कार नहीं कर सकता और चूँकि ह़दीस, मअ़्‌सूम के अ़मल, क़ौल और तक़रीर से, ए़बारत है, इसलिए इन्सान की इज्तेमाई़-ओ-इन्फ़ेरादी ज़िन्दगी में अह़ादीस का इन्तेहाई अहम किरदार होता है। इसीलिए दीनी एअ़्‌तेक़ादात और मआ़रिफ़े इस्लामी की तब्लीग़-ओ-नश्र में […]

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अफ़्सानए अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा- दूसरा हिस्सा

अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा कौन था? अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा से मुतअ़ल्लिक़ मुख़्तलिफ़ नज़रियात हैं, मुवर्रेख़ीन के नज़्दीक मश्हूर तरीन नज़रिया येह है कि अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा सैफ़ बिन उ़मर का ईजाद किया हुआ एक ख़याली शख़्स है। जिन मुवर्रेख़ीन ने तबरी को नक़्ल किया है उनके मुताबिक़ अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा एक यहूदी था जो यमन के […]

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अफ़्सानए अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा – पहला हिस्सा

मुख़ालेफ़ीने शीआ़ के इल्ज़ामात में शीओ़ं को काफ़िर और इस्लाम से ख़ारिज क़रार देने में येह भी एक इल्ज़ाम है कि तारीख़े इस्लाम में येह अ़क़ीदा फैलाने वाला अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा था। अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा कौन है? तारीख़े इस्लाम में उसकी क्या हैसीयत है? उसके नज़रियात क्या हैं? उसके बारे में सुन्नी और शीआ़ मज़हब […]

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किताबुल वसीया – अबू मूसा ई़सा अल बजली अल ज़रीर (मुतवफ़्फ़ा २२० हि.)

अमीरुल मोअ्‌मेनीन अ़ली इब्ने अबी तालिब अ़लैहेमस्सलाम की वसायत पर किताबें ज़मानए क़दीम से लिखी जा रही हैं। “किताबुल वसीया” और “अल वसीया” जैसे नामों की किताबें फ़रहंगे इस्लामी में, बिलख़ुसूस अदबीयाते शीआ़ में, कसरत से मौजूद हैं। येह इस बात की दलील है कि अमीरुल मोअ्‌मेनीन .अलैहिस्सलाम की वसायत पर अ़क़ीदे की एसालत तमाम […]

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गो टू ऊपर