ख़ेलाफ़त-जानशीनी दर सेफ़ात-ओ-कमालात – दूसरा हिस्सा
ह़ज़रत रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम की एक और ज़िम्मेदारी लोगों के नफ़्स को पाक-ओ-पाकीज़ा करना था जैसा सूरए मुबारका जुमुआ़ में इरशादे ख़ुदा ...
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ख़ेलाफ़त-जानशीनी दर सेफ़ात-ओ-कमालात – पहला हिस्सा
दीने मुक़द्दसे इस्लाम में इमामत और ख़ेलाफ़ते ख़ुदा और रसूल सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम का अ़क़ीदा एक नेहायत बुनियादी मसअला है। इसकी अहम्मीयत का अन्दा...
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इमामत, फ़ितरत और अख़्लाक़ी क़दरें
ख़ुदावंद आ़लम के नज़्दीक़ दीने इस्लाम ही एक तन्हा दीन है जिस के अ़लावा कोई और दीन क़ाबिले क़बूल नहीं होगा। इस एक क़बूल शुदा दीन के बारे में रसूले ख़ुदा सल्लल...
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अफ़्सानए अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा- दूसरा हिस्सा
अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा कौन था? अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा से मुतअ़ल्लिक़ मुख़्तलिफ़ नज़रियात हैं, मुवर्रेख़ीन के नज़्दीक मश्हूर तरीन नज़रिया येह है कि अ़ब्दुल्लाह ...
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अफ़्सानए अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा – पहला हिस्सा
मुख़ालेफ़ीने शीआ़ के इल्ज़ामात में शीओ़ं को काफ़िर और इस्लाम से ख़ारिज क़रार देने में येह भी एक इल्ज़ाम है कि तारीख़े इस्लाम में येह अ़क़ीदा फैलाने वाला अ़ब्दु...
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किताबुल वसीया – अबू मूसा ई़सा अल बजली अल ज़रीर (मुतवफ़्फ़ा २२० हि.)
अमीरुल मोअ्‌मेनीन अ़ली इब्ने अबी तालिब अ़लैहेमस्सलाम की वसायत पर किताबें ज़मानए क़दीम से लिखी जा रही हैं। “किताबुल वसीया” और “अल वसीया” जैसे नामों की कि...
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मोह़ब्बते अ़ली अ़लैहिस्सलाम – जुम्ला एअ़्तेक़ादात
अगर तमाम बनी आदम चाहें कि सिवाए अम्बियाए ए़ज़ाम अ़लैहिमुस्सलाम किसी और शख़्स को जामेअ़्‌ जुम्ला फ़ज़ाएल का ह़ामिल साबित करें तो हरगिज़ किसी फ़र्दे बशर को न ...
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गो टू ऊपर