मुसन्निफ़ admin

आयए तत्‌हीर और उ़लमाए अह़्ले सुन्नत के एख़्तेलाफ़ी नज़रियात – तीसरा हिस्सा
ज़ह़्ह़ाक ने दूसरे नज़रियात के मुक़ाबिले में नज़रिया पेश किया कि आयए तत्‌हीर में “अह्लेबैत” से मुराद अह्ले पैग़म्बर और उनकी अज़्वाज भी हैं। इब्ने जूज़ी ने इस नज़रीये को नक़्ल किया और लिखा कि येह नज़रीया सिर्फ़ ज़...
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आयए तत्‌हीर और उ़लमाए अह़्ले सुन्नत के एख़्तेलाफ़ी नज़रियात – दूसरा हिस्सा
दूसरे गिरोह का एक नमूना जैसा कि हमने ऊपर बयान किया कि दूसरा गिरोह अह्ले सुन्नत का है जिसने अ़करमा और मक़ातिल के नज़रिए की ताईद की है, तो येह जानना ज़रूरी है कि अ़करमा और मक़ातिल का नज़रिया क्या है और येह क...
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आयए तत्‌हीर और उ़लमाए अह़्ले सुन्नत के एख़्तेलाफ़ी नज़रियात – पहला हिस्सा
दीने इस्लाम की कली मक्कए मोअ़ज़्ज़मा में खिली और फिर तेईस (२३) साल की ताक़त फ़रसा ज़ह़्मतों के बअ़्‌द रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम और उनके बावफ़ा अस्ह़ाब ने जज़ीरतुल अ़रब को अपने घेरे में ले ...
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क़ुरआन में अहम्मीयते मन्सबे इमामत
यौ–म नद्‌ऊ़ कुल्ल ओनासिम बेइमामेहिम. “उस दिन (को याद कीजिए) जब हम तमाम इन्सानों को उनके इमाम के साथ बुलाएँगे।”             (सूरए असरा: आयत ७१) रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम ने दीन...
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किताब “शवारेक़ुन्नुसूस फ़ी तक्ज़ीबे फ़ज़ाएल अल लुसूस” का तआ़रुफ़ – दूसरा हिस्सा
किताब की तसनीफ़ में मुसन्निफ़ की रविश: येह बात अपनी जगह तय है कि साह़ेबे किताब इ़ल्मे मुनाज़ेरा में जवाब नहीं रखते थे और इसीलिए हमेशा इस ह़क़ीक़त पर निगाह रखते हुए बह़्स करते: १-         मुख़ालिफ़ की ए़बारतो...
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किताब “शवारेक़ुन्नुसूस फ़ी तक्ज़ीबे फ़ज़ाएल अल लुसूस” का तआ़रुफ़ – पहला हिस्सा
इस्लामी तअ़्‌लीमात-ओ-एअ़्‌तेक़ादात में क़ुरआन करीम के बअ़्‌द जो ह़ैसियत अह़ादीसे मअ़्‌सूमीन अ़लैहिमुस्सलाम की है उससे कोई मुसलमान इन्कार नहीं कर सकता और चूँकि ह़दीस, मअ़्‌सूम के अ़मल, क़ौल और तक़रीर से, ए...
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ख़ेलाफ़त-जानशीनी दर सेफ़ात-ओ-कमालात – दूसरा हिस्सा
ह़ज़रत रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम की एक और ज़िम्मेदारी लोगों के नफ़्स को पाक-ओ-पाकीज़ा करना था जैसा सूरए मुबारका जुमुआ़ में इरशादे ख़ुदा वन्दी है: “वयुज़क्कीहिम” जिसकी ज़िम्मेदारी लोगों के ...
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ख़ेलाफ़त-जानशीनी दर सेफ़ात-ओ-कमालात – पहला हिस्सा
दीने मुक़द्दसे इस्लाम में इमामत और ख़ेलाफ़ते ख़ुदा और रसूल सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम का अ़क़ीदा एक नेहायत बुनियादी मसअला है। इसकी अहम्मीयत का अन्दाज़ा इस बात से बख़ूबी लगाया जा सकता है लोगों ने ह़ज़रत...
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इमामत, फ़ितरत और अख़्लाक़ी क़दरें
ख़ुदावंद आ़लम के नज़्दीक़ दीने इस्लाम ही एक तन्हा दीन है जिस के अ़लावा कोई और दीन क़ाबिले क़बूल नहीं होगा। इस एक क़बूल शुदा दीन के बारे में रसूले ख़ुदा सल्लल्लाहो अ़लैहे व आलेही व सल्लम का इर्शाद है कि दीने ...
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अफ़्सानए अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा- दूसरा हिस्सा
अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा कौन था? अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा से मुतअ़ल्लिक़ मुख़्तलिफ़ नज़रियात हैं, मुवर्रेख़ीन के नज़्दीक मश्हूर तरीन नज़रिया येह है कि अ़ब्दुल्लाह इब्ने सबा सैफ़ बिन उ़मर का ईजाद किया हुआ एक ख़याली श...
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गो टू ऊपर